जब महिलाएँ अपने पैरों पर खड़ी हो जाती हैं तो दिखा देती हैं की वो अपने परिवार के साथ साथ पूरे समाज को बदलने का माद्दा रखती हैं। गुरुवार को प्रधानमंत्री ने जब देश भर की महिला स्वयं सहायता समूहों से संवाद किया तो ये संदेश स्पष्ट था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार दीनदयाल अन्तयोदय योजना और राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को सशक्त कर रही है। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ कर लगभग 5 करोड़ महिलाओं को इसका सीधा फायदा पहुंच रहा है।
प्रधानमंत्री ने महिलाओं की हरेक क्षेत्र में भागीदारी की प्रशंसा की। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार दीनदयाल अन्तयोदय योजना और राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को सशक्त कर रही है। ऐसे में बढ़ती आर्थिक स्वतंत्रता महिलाओं को सामाजिक बुराईयों के ख़िलाफ़ खड़े होने और हरेक निर्णय में भागीदारी भी सुनिश्चित कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले चार सालों में केंद्र सरकार ने देश की 2।5 लाख पंचायतों तक महिला स्वयं सहायता समूह की पहुंच बनाने का प्रयास किया है। वजह यही है कि 2014 के बाद देश में 2।25 करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा गया है और कुल मिलाकर मौजूदा समय में 5 करोड़ महिलाओं को इसका सीधा फायदा पहुंच रहा है।
महिलाओं की ग्रामीण क्षेत्र में भागीदारी के मद्देनज़र प्रधानमंत्री ने आर्थिक सशक्तिकरण पर ज़ोर दिया। उन्होने कहा कि पशुपालन से लेकर कृषि कार्यों सभी की धुरी महिलाऐं ही हैं। ऐसे में उनके ताकत और सामर्थ्य को समान अवसर उपलब्ध कराने की ज़रूरत है।